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E-ISSN: 2582-8010
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Volume 6 Issue 12
December 2025
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हिमांशु जोशी व्यक्तित्व एवं कृतित्व: मानवीय संवेदनाओं का सार
| Author(s) | प्रज्ञा शर्मा, डाॅ. स्नेहलता निर्मलकर |
|---|---|
| Country | India |
| Abstract | हिमांशु जोशी का व्यक्तित्व अत्यंत सरल ,सहज ,संवेदनशील और मानवीय धरातलों से जुड़ा हुआ है ,उनका संपूर्ण कृतित्व मानवीय संवेदनाओं सामाजिक यथार्थ ,पहाड़ी जीवन की पीड़ा ,संघर्ष ,प्रकृति प्रेम और जीवन मूल्यों की गहरी समझ से निर्मित है। उनके साहित्य में मानवीय हृदय की गहराइयों का सूक्ष्म चित्रण मिलता है । जोशी जी का व्यक्तित्व न केवल सरल और सहज रहा बल्कि उनकी लेखनी में मानव मन की सूक्ष्मतम अनुभूतियों को सजीव करने की अद्भुत क्षमता दिखाई देती है। उपन्यासों और कथाओं में उनकी संवेदनशील दृष्टि करुणा जीवन संघर्ष और रिश्तो की मार्मिकता उन्हें विशिष्ट बनाती है। इसलिए उनके व्यक्तित्व को मानवीय संवेदनाओं का सार कहना पूर्णता सार्थक है । हिंदी साहित्य में हिमांशु जोशी का जन्म मानवीय संवेदनाओं सामाजिक यथार्थ ,पहाड़ी जीवन और मनोवैज्ञानिक गहराइयों के कारण अत्यंत महत्वपूर्ण है ,उनका व्यक्तित्व जितना सरल, सहज और संवेदनशील था ,उतना ही उनका कृतित्व भी मनुष्य के आंतरिक संसार ,जीवन संघर्ष, प्रकृति प्रेम और सामाजिक विसंगतियों को गहरे स्तर पर परखता है। |
| Keywords | यथार्थ ,वैश्वीकरण ,अस्तित्व ,मानवीय संवेदना, संवेदनशील, विसंगति, सशक्तिकरण। |
| Published In | Volume 6, Issue 12, December 2025 |
| Published On | 2025-12-14 |
| Cite This | हिमांशु जोशी व्यक्तित्व एवं कृतित्व: मानवीय संवेदनाओं का सार - प्रज्ञा शर्मा, डाॅ. स्नेहलता निर्मलकर - IJLRP Volume 6, Issue 12, December 2025. |
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10.70528/IJLRP
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