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E-ISSN: 2582-8010     Impact Factor: 9.56

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अनसुनी आवाज़ : भारत में वंचित समूहों की चुनौतियां और समाधान

Author(s) अनिल कुमार मिश्र, पवन देव
Country India
Abstract भारत का मीडिया आज़ादी के बाद से ही वंचित वर्गों के लोगों के साथ भेदभाव करता नजर आता हैं यहां यह कहना उचित होगा की भारत का मीडिया पक्षपात नजरिए के साथ कार्य करता हैं गौरतलब हैं की भारत का मुख्य मीडिया पूंजीवादी व्यवस्था और बाज़ारवाद के अधीन हैं. मीडिया को चाहे लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ कहा जाता हो,जिसका कार्य समाज के अंतिम छौर के व्यक्ति की आवाज़ होना चाहियें था और उस के संवैधानिक अधिकारों और गरिमापूर्ण जीवन के लिए आवाज़ उठाना था लेकिन भारत का मुख्य मीडिया फिल्म अभिनेत्री और अभिनेता के बीच प्रेम प्रसंग और अभिनेत्री ने किस प्रकार के वस्त्र पहने हैं या राशिफल यह महत्वपूर्ण मानता हैं. जबकि दूसरी ओर एक वंचित वर्ग के दलित समुदाय के व्यक्ति की मौत सीवर लाइन और अपशिष्ट मल के मैनहॉल में जहरीले गैस से दम घुटने से हुई मौत ओर उसके पीछे के कारणों से कोई लेना देना नहीं हैं. वहाँ वह आज के दौर में मुक दर्शक की भूमिका निभा रहा हैं. भारत का मीडिया अपनी जिम्मेदारी तो भूल ही गया हैं मीडिया का मुख्य कार्य – सूचना देना, शिक्षित करना, जागरूकता और मनोरंजन था लेकिन अब सिर्फ मनोरंजन और पेड मीडिया और विज्ञापन, खबरों में ज्यादा दिखते हैं जिसने भारत की मीडिया का स्तर गिरा दिया हैं. जहां भारत की मीडिया सवर्ण परिवारों का आर्थिक आजीवन का साधन बन चुका हैं और इस व्यापार में सिर्फ अपने पारिवारिक लोगों को रोजगार दे रखा हैं. इन सवर्ण जाति के लोगों द्वारा अपने लाभ के लिए मीडिया का अप्रत्क्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ ले रहें हैं. यह सवर्ण जाति के लोगों को ही अपने यहां रोजगार देते हैं और जाति आधारित व्यवस्था को मजबूत करते हैं जिसमें अन्य वंचित जातियों की खबरों को यह प्रकाशित नहीं करते और करते भी हैं तो गलत तरह से तोड़ – जोड़ गलत चित्रण कर छोटे से कॉलम में प्रकाशित कर देते हैं या नहीं करते इन कारणों से विश्वस्तर पर भारत का मीडिया अपनी साख और विश्वसनीयता खो रहा हैं.
Keywords मीडिया में वंचित वर्ग का गलत चित्रण , अप्रत्याशित सेंसरशिप, भारत का मुख्य मीडिया
Field Sociology > Journalism / Media
Published In Volume 6, Issue 10, October 2025
Published On 2025-10-13
Cite This अनसुनी आवाज़ : भारत में वंचित समूहों की चुनौतियां और समाधान - अनिल कुमार मिश्र, पवन देव - IJLRP Volume 6, Issue 10, October 2025.

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