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E-ISSN: 2582-8010     Impact Factor: 9.56

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वृद्धावस्था की समस्याओं के निराकरण में योग की भूमिका

Author(s) मिलिन्द्र त्रिपाठी
Country India
Abstract सारांश - वृद्धावस्था में शारीरिक,मानसिक समस्याओं में बढ़ोतरी होना सामान्य बात है ।हम सभी के जीवन में एक न एक दिन वृद्धावस्था का दौर आना ही है । हम स्वयं की वृद्धावस्था में स्वयं के लिए जो सुविधाओं के सपने देखते है क्या आज के हमारे वृद्धजनों को वो सुविधाएं मिल पा रही है या नही ? वृद्धावस्था प्रत्येक व्यक्ति के जीवन की एक अनिवार्य अवस्था है, उम्र बढ़ने के साथ सभी के साथ शारीरिक, मानसिक , भावनात्मक एवं सामाजिक समस्याएँ स्वभाविक रूप से जन्म लेती है । वृद्धावस्था में जोड़ों का दर्द, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अनिद्रा, अवसाद और अकेलापन प्रमुख स्वास्थ्य समस्याएं हैं। पूर्व में हुए वैज्ञानिक शोधों के अनुसार इन समस्याओं के समाधान में योग एक प्रभावी भूमिका निभा सकता है । योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर कर सकता है, बल्कि मानसिक शांति और भावनात्मक मजबूती भी प्रदान करता है । प्रस्तुत शोध पत्र में वृद्धावस्था की प्रमुख स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं और उनके समाधान में योग की क्या भूमिका हो सकती है इसका विश्लेषण किया गया है ।
Keywords – वृद्धावस्था, मानसिक समस्या, सुविधा, शारीरिक, स्वास्थ्य
Field Arts
Published In Volume 6, Issue 9, September 2025
Published On 2025-09-07
Cite This वृद्धावस्था की समस्याओं के निराकरण में योग की भूमिका - मिलिन्द्र त्रिपाठी - IJLRP Volume 6, Issue 9, September 2025. DOI 10.70528/IJLRP.v6.i9.1736
DOI https://doi.org/10.70528/IJLRP.v6.i9.1736
Short DOI https://doi.org/g93mng

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