
International Journal of Leading Research Publication
E-ISSN: 2582-8010
•
Impact Factor: 9.56
A Widely Indexed Open Access Peer Reviewed Multidisciplinary Bi-monthly Scholarly International Journal
Plagiarism is checked by the leading plagiarism checker
Call for Paper
Volume 6 Issue 4
April 2025
Indexing Partners



















रसखान के काव्य में भारतीय सांस्कृतिक प्रतिबिंब
Author(s) | Mahaveer Prasad Yogi |
---|---|
Country | India |
Abstract | रसखान के काव्य का सांस्कृतिक मूल्यांकन भारतीय संस्कृति की विविधता और उसकी गहरी आध्यात्मिक धारा को दर्शाता है। उनका काव्य भारतीय संस्कृति के एक अद्वितीय संगम के रूप में कार्य करता है, जिसमें हिंदू धर्म, भक्ति, और सांस्कृतिक परंपराओं की समृद्धि को जोड़ने का प्रयास किया गया है। रसखान के काव्य में भगवान कृष्ण को भारतीय संस्कृति का दिव्य प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी सम्पूर्ण समाज में आदर्श हैं। रसखान ने भगवान कृष्ण की भक्ति को जीवन का उद्देश्य माना और कृष्ण के प्रति अपनी असीम श्रद्धा को काव्य के माध्यम से व्यक्त किया। वे कृष्ण को सगुण और निर्गुण दोनों रूपों में स्वीकार करते हैं और उनके विविध रूपों को अपनी कविता में प्रकट करते हैं। कृष्ण की बाललीला, रासलीला, फागलीला, कुंजलीला, प्रेमवाटिका जैसी अनगिनत लीलाओं को रसखान ने अपनी कविता में बड़े ही सुंदर और सूक्ष्म तरीके से व्यक्त किया। रसखान का वास्तविक नाम सैयद इब्राहिम था, लेकिन कृष्ण भक्ति के प्रति अपनी आस्था और समर्पण के बाद उन्होंने अपना नाम 'रसखान' रखा। उन्होंने धर्म और जाति की सीमाओं को पार करते हुए हिंदू संस्कृति को अपनी आस्था का केंद्र बनाया। उनका काव्य न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे अपने काव्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक तत्वों को एकजुट करने की कोशिश करते हैं। |
Keywords | संस्कृति, रसखान, कृष्ण भक्ति, भारतीय संस्कृति, काव्य |
Field | Arts |
Published In | Volume 6, Issue 1, January 2025 |
Published On | 2025-01-20 |
Cite This | रसखान के काव्य में भारतीय सांस्कृतिक प्रतिबिंब - Mahaveer Prasad Yogi - IJLRP Volume 6, Issue 1, January 2025. |
Share this


CrossRef DOI is assigned to each research paper published in our journal.
IJLRP DOI prefix is
10.70528/IJLRP
Downloads
All research papers published on this website are licensed under Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International License, and all rights belong to their respective authors/researchers.
