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E-ISSN: 2582-8010     Impact Factor: 9.56

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भारत में पारिस्थिति की पर्यावरण पर विकिरण का प्रभाव एक भौगोलिक अवलोकन

Author(s) सिद्धार्थ चौधरी
Country India
Abstract परमाणु ऊर्जा संस्थानों के कारण जो प्रदूषण फैलने की आषंका है। उसके विषय में जनसाधारण का चिन्तित होना स्वाभाविक है। इसका एक विषेष कारण है। प्रदूषण के जो अन्य अनेक स्त्रोत है जनसाधारण अपनी ज्ञानेइन्द्रियों से उनका अनुभव कर सकता है। उदारहणार्थ बस और कार तथा ताप बिजली घर से निकलता धुँआ या किसी औद्योगिक प्रतिष्ठान से निकलता दुर्गन्धपूर्ण गैस या गन्दा पानी आदि। मनुष्य मनुष्य के कान, आँख, नाक, जीभ आदि प्रदूषण के अनेक स्त्रोतों का आभास कराने में सहायक होता है। विकिरण द्वारा फैलता प्रदूषण इन साधनांे से नहीं देखा जा सकता है और न ही मानव जीवन पर इसका प्रभाव, तुरंत दिखाई पड़ता है ऐसे प्रदूषण को केवल वैज्ञानिक यंत्रो द्वारा नापा जा सकता है। यही कारण है कि जनसाधारण को इसकर जानकारी न होने के कारण इसके प्रभाव के विषय मे भ्रान्तियाँ और काल्पनिक भय है।
Keywords परमाणु, रेडियासक्रिय अपषिष्ट, विकिरण, रिएक्टर,आईसेाटोप, यूरेनियम अर्ध आयु, उद्भासन, अबुर्द, परिसंचरण, आनुवांषिक, उत्परिवर्तन, इलैक्ट्रॉन।
Field Arts
Published In Volume 5, Issue 12, December 2024
Published On 2024-12-18
Cite This भारत में पारिस्थिति की पर्यावरण पर विकिरण का प्रभाव एक भौगोलिक अवलोकन - सिद्धार्थ चौधरी - IJLRP Volume 5, Issue 12, December 2024.

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